22-03-13  ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन

“भगवान और भाग्य की स्मृति से सदा हर्षित रहो, हर्षित बनाओ, व्यर्थ बातों को होली कर होली बनो”

आज बापदादा सर्व बच्चों के भाग्य को देख हर्षित हो रहे हैं। सबसे बड़ा भाग्य सभी के मस्तक में चमकता हुआ सितारा, चमकता हुआ दिखाई दे रहा है। सबका मस्तक चमक रहा है। साथ में सबके मुख में ज्ञान वाणी की चमक दिखाई दे रही है। सबके होठों में मुस्कुराहट कितनी सुन्दर चमक रही है। हर एक के दिल में दिलाराम बाप की लवलीन मूर्त की झलक दिखाई दे रही है। सभी के हाथों में ज्ञान के खज़ानों की चमक दिखाई दे रही है। हर एक के कदम में (पाँव में)पदम की झलक दिखाई दे रही है। बोलो, इतने बड़े भाग्य, कितनी झलक से चमक रहे हैं। सोचो, इतना बड़ा भाग्य कैसे बना। स्वयं भाग्य विधाता बाप ने भाग्य बनाया है। खुद भाग्य विधाता ने आपका भाग्य बनाया है। तो अपने भाग्य को देख हर्षित होते रहते हो ना! वाह भाग्य। और रोज अमृतवेले अपने भाग्य को देखते रहते हो ना! संगमयुग है ही भाग्य बनाने वाला।

आज बापदादा एक शब्द बच्चों से वापस लेने चाहते हैं। तैयार हैं। तैयार हैं? हाथ उठाओ, देंगे। फिर वापस नहीं लेंगे। हाथ उठाओ, अच्छी तरह से सोच समझ के हाथ उठाओ। बापदादा को कई बच्चे कहते हैं शक्ति स्वरूप या खुशमिजाज रहते तो हैं लेकिन कभी-कभी। यह कभी-कभी का शब्द बापदादा को पसन्द नहीं है क्योंकि हर बच्चे से बाप का अति प्यार है। तो कभी-कभी शब्द बाप को पसन्द नहीं, सदा बाप समान दिखाई दे। ऐसे भी बच्चे हैं लेकिन बाप चाहते हैं हर बच्चा सदा खुशी में उड़ता रहे। सदा रूहानियत में मुस्कराता रहे, दूसरों को भी मुस्करादे। आपको पसन्द है, सदा पसन्द है या कभी-कभी? जिसको सदा शब्द पसन्द है और प्रैक्टिकल है, वह हाथ उठाओ। पीछे वाले हाथ हिलाओ क्योंकि आज होली मनाने आये हो ना। होली का अर्थ ही है जो हो चुका वह हो ली। भविष्य सदा श्रेष्ठ है और रहेगा। हर एक बच्चे ने संकल्प किया है हम बापके साथ हैं, बाप के साथ ही रहेंगे। बापदादा भी खुश होते हैं। बापदादा को भी अकेला नहीं अच्छा लगता सब बच्चों के साथ अच्छा लगता है। बापदादा ने कई बार कहा है खुशी कब गंवाना नहीं और सुनाया भी है खुशी जैसी करामत और कोई में नहीं है। जानते हो ना और जो भी वस्तु होती है वह देने से कम होती है, लेकिन खुशी किसको भी दो तो कम होगी या बढ़ेगी? तो ऐसी खुशी जो सदा बढ़ती रहती है उसको कभी नही छोड़ना। आपका चेहरा कोई भी देखे सदा खुशमिजाज। बाते तो आती हैं, कलियुग का अर्थ ही क्या है! कलियुग क्यों कहते हो। कलह-कलेष होगा तब तो कलियुग कहते हो ना। लेकिन हमें उसमें क्या करना है? परिवर्तन। बातों में नहीं आना लेकिन बातों को परिवर्तन कर सेवा के लिए सदा एवररेडी रहना। तो सदा अपना भाग्य याद रहता है ना? भगवान और भाग्य, इससे सदा हर्षित चेहरा, जो हर्षित चेहरे को देख और भी हर्षित हो जाएं।

तो बापदादा आज सभी बच्चों को यही याद दिलाते हैं कि सदा हर्षित रहो और हर्षित बनाओ। सभी बच्चे मधुबन में पहुँचे हैं बापदादा ने देखा कि टेंट में भी सोना पड़ा है। लेकिन टेंट में सोने वाले हाथ उठाओ। जो टेंट में सोये हैं वह हाथ उठाओ। बहुत थोड़े हैं, पीछे वाले हैं। अच्छा। तो टेंट में रहते खुशी गुम हुई कि खुशी रही? टेंट वाले हाथ उठाओ, खुश रहे? बाहर भी बैठे हैं। बच्ची ने चक्कर लगाया तो कहाँ-कहाँ रहे हैं। लेकिन बापदादा उन्हों को कहते हैं कि बापदादा के दिल में रहते हो। दिलाराम और आपकी दिल दिलाराम आपके साथ सोया है। देखो किसको आने की ना तो नहीं कर सकते। वेलकम करनी पड़ती है। लेकिन टेंट वालों को कोई तकलीफ हुई, जिसको तकलीफ हुई है वह हाथ उठाओ। कोई नहीं हाथ उठा रहा है। तो सबके तरफ से टेंट वालों को पदमगुणा सुख और शान्ति की दुनिया में हक मिलेगा। अच्छे हिम्मत वाले हैं। बापदादा ने देखा बाप से प्यार है, उस प्यार में तकलीफ अनुभव नहीं हुई। बाकी हुई तो होगी। बापदादा खुश है, भले आये, जी आये, अपने घर में भले आये।

अभी यह कमाल करना, यह भी सहनशक्ति की कमाल की उसके लिए थैंक्स। लेकिन आगे के लिए हर एक को बाप से प्यार है, बाप का भी बच्चों से प्यार है तो बाप समझते हैं कि हर बच्चा कम से कम ब्रह्मा बाप समान त्याग, तपस्या और सेवा, यह मंजूर है। बह्मा बाप को फॉलो करना है, तैयार हैं, इसमें दो-दो हाथ उठाओ। बहुत अच्छा। मुबारक है।

अभी सभी मिलकर यह दृढ संकल्प करो, तैयार तो हैं ना, घड़ी-घड़ी हाथ नहीं उठवाते हैं। बापदादा को निश्चय है कि बच्चे अच्छे हैं, चाहे थोड़ा पुरुषार्थ में कभी-कभी विघ्न आते भी हैं लेकिन बाबा और मैं कम्बाइन्ड हैं, कम्बाइन्ड रहेंगे, यह पक्के निश्चयबुद्धि हैं। ठीक बोला। कांध ऐसे करो। जो भी अपने- अपने स्थान से आये हैं, उन एक-एक बच्चे को नाम लेके उनकी सूरत आगे लाके बापदादा वरदान दे रहे हैं सदा कोई भी बात आवे ना जो कायदे प्रमाण होनी नहीं चाहिए लेकिन आ जाए तो जो ऐसी बात आये, उसको उस समय ही अपने दिल से निकाल बाप को दे दो। बाप आपे ही सम्भाल लेगा। देना तो आता है ना। आता है देना? इसमें काँध हिलाओ देना आता है। लेना आता है देना भी आता है?
तो आज होली, होली मनाने आये हो ना! होली का अर्थ क्या है? होली। जो ऐसी बात होती है हो ली। दिल में नहीं रखो। तो होली की सौगात यही है जो व्यर्थ बात आवे, होली करना। सदा होली करना और होली बनना। वह हिन्दी वह इंगलिश। दो अक्षर हैं। हो ली करना और होली बनना। अपने दिल में वायदा करो कि हम कभी भी खुशी नहीं गंवायेंगे। कर सकते हो? खुशी नहीं गंवायेंगे जो कर सकते हैं वह हाथ उठाओ। जिन्होंने भी वायदा किया उन्हों को बापदादा की तरफ से दिल की मुबारक है, मुबारक है, मुबारक है। अच्छा। होली का क्या बनाया है! कुछ बनाया है?

सेवा का टर्न – यू.पी. बनारस, पश्चिम नेपाल का है:- भले पधारे अपने घर में। सभी सदा यह संकल्प करना कि मुझे ब्रह्मा बाप समान बनना ही है। फॉलो ब्रह्मा बाबा। कोई भी कार्य ऐसा हो उसमें चेक करो ब्रह्मा बाप ने किया। आपकी वह 10 पॉइंट्स निकली हुई हैं। उस 10 पॉइंट्स में देखना कि ब्रह्मा बाप ने क्या-क्या किया! और फॉलो ब्रह्मा बाप करना। तो जो भी ग्रुप आये हैं बापदादा हर ग्रुप को विशेष मुबारक दे रहे हैं। बापदादा ने देखा हर ग्रुप को उमंग-उत्साह बहुत है, हम करके दिखायेंगे और हर ग्रुप में ऐसी शक्ति है जो करके दिखा सकते हैं। बापदादा हर ग्रुप को बहुत-बहुत-बहुत-बहुत बधाईयां देते हैं। और यह भी वरदान देते हैं कि हर ग्रुप हर सेवा की सबजेक्ट में आगे से आगे बढ़ते रहेंगे। यह बढ़ने का वरदान बापदादा सभी ग्रुप को दे रहे हैं। आये लास्ट हैं लेकिन जायेंगे फास्ट। हिम्मत है ना! अच्छे हैं, बापदादा देख रहे हैं उमंग उत्साह वाले हैं। बापदादा खुश है कि हर एक ग्रुप यहाँ से विशेष उमंग उत्साह भर के जा रहे हैं और यह उमंग उत्साह कायम रहेगा तो कमाल करके ही दिखायेंगे। बापदादा सभी ग्रुप को उम्मीदवार विजयी रूप में देख रहे हैं। एक-एक को बापदादा अपने शुभ भावना और शुभकामना का वरदान दे रहे हैं।

पांच विंग्स – ग्राम विकास, मेडिकल, ट्रांसपोर्ट, एडमिनिस्ट्रेर, यूथ ग्रुप आये हैं:-

बापदादा ने देखा कि हर एक विंग बड़े उमंग उत्साह से सेवा में आगे बढ़ रहे हैं। और सेवा में सफलता भी मिल रही है इसलिए उम्मीदवार बनके जितनी सेवा की है, वह अच्छी की है और आगे भी अच्छे ते अच्छी उमंग उत्साह से अभी वारिस निकालो। अभी वह लिस्ट नहीं आई है। जब से विंग्स शुरू हुए हैं तब से लेके अच्छे-अच्छे सम्बन्ध सम्पर्क में आये हैं, उसकी बापदादा मुबारक दे रहे हैं। लेकिन वारिस क्यालिटी अगर कोई निकली है तो वह बापदादा के आगे लाना। सेवा अच्छी है यह बापदादा ने देखा। सेवा में कोई पीछे नहीं हटता, आगे-आगे बढ़ रहे हैं और बापदादा खुश भी होते हैं। बिजी हो गये हैं, हर एक अपना प्रोग्राम कुछ न कुछ बना भी रहे हैं। अभी भी शिवरात्रि पर जहाँ-जहाँ प्रोग्राम किये हैं वहाँ अच्छे हुए हैं, रिजल्ट अच्छी है। बड़े भी किये हैं तो छोटे भी किये हैं। दिल्ली और बॉम्बे बड़े प्रोग्राम दिल से किये हैं। बापदादा उनको मुबारक दे रहे हैं।

निजार भाई से:- अच्छा कर रहे हो। रिजल्ट बापदादा को अच्छी लगती है और आगे भी जो प्लैन बना रहे हो वह अच्छे हैं, रिजल्ट अच्छी है। उमंग उत्साह से कर रहे हो, करते रहो। निमित्त तो बने हैं। कराने वाला भले बाप है लेकिन निमित्त बनके करने वाले को भी बापदादा की याद प्यार मिलती है।

डबल विदेशी 65 देशों से 800 भाई बहिनें आये हैं:- डबल विदेशियों को डबल मुबारक हो। बापदादा विदेशियों पर एक बात पर बहुत खुश है। विदेशी मधुबन का लाभ बड़ी अच्छी रीति से लेते हैं। चाहे दूर हैं लेकिन मधुबन का लाभ लेने का प्लैन अच्छा बनाते हैं। सब रिफ्रेश भी हो जाते, सर्विस के प्लैन भी बनाते और सर्विस में उमंग उत्साह भी अच्छा दिलाते हैं। बापदादा ने रिजल्ट सुनी। बापदादा को अच्छा लगा। ग्रुप को अटेन्शन देके रिफ्रेश अच्छा किया है और ऐसे ही करते बढ़ाते चलो। भिन्न-भिन्न देशों के मधुबन में आके सर्विस प्लैन और अवस्थाओं में उमंग उत्साह मिलन का मिलन भी और स्व-उनति की लहर भी अच्छी दिखाई दे रही है इसलिए बापदादा को डबल पुरुषार्थी, डबल विदेशी नहीं डबल पुरुषार्थी अच्छे लगते हैं। ऐसे ही प्लैन बनाते विदेश में होते भी मधुबन के नजदीक बनने का जो प्लैन बनाते हो वह बहुत अच्छा है, मुबारक हो, मुबारक हो, मुबारक हो। बापदादा ने देखा कि विदेश भी सेवा में कम नहीं है। इन्डिया जैसे भिन्न-भिन्न प्रोग्राम से आगे बढ़ रही है ऐसे विदेशी भी हर साल जो प्रोग्राम बनाते हैं वह बहुत अच्छा बनाते हैं और बना हुआ प्लैन प्रैक्टिकल में भी लाते हैं इसलिए बापदादा सब इन्डियन भाई बहिनों की तरफ से आपको विशेष मुबारक दे रहे हैं।

इस ग्रुप में 2000 टीचर्स बहिनें आई हैं - सभी पीछे मुड़कर देखो, हाथ हिलाओ। अच्छा है। टीचर्स निमित्त बनी हैं सर्विस को आगे से आगे बढ़ाने के लिए। तो बापदादा ने देखा मैजारिटी सेवा के प्लैन बनाते भी हैं लेकिन हर जोन को मिलके एक दो प्रोग्राम जरूर करने चाहिए। इससे क्या होता। एक दो में मिलने का भी चान्स अच्छा बनता और एक दो को सहयोगी बनने का भी चान्स हो जाता है। बाकी कर रहे हैं सेवा, ऐसे नहीं है कि नहीं कर रहे हैं, कर रहे हैं और करते रहेंगे। बापदादा अभी यह चाहते हैं हर एक जोन मिलकर के बड़ा प्रोग्राम करे। छोटे-छोटे तो करते रहते हैं लेकिन सबको पता हो कि इस तरफ भी सेवा चल रही है। कोई न कोई प्रोग्राम बनाते रहो आगे बढ़ते चलो। टीचर्स को बापदादा अपना साथी कहते हैं। जैसे बाप वैसे टीचर्स भी बाप समान आगे से आगे बढ़ती चलें, बढ़ाती चलें।

सभा में कुछ मेहमान वी.आई.पी. बैठे हैं, उसमें विशेष भ्राता अन्ना हजारे भी आये हैं:- अपने घर में पहुँच गये, अच्छा है, सम्मुख आने से देखा, सुना, उससे नजदीक आये और आगे भी नजदीक आते रहेंगे। अच्छा किया। सबका सुना भी, सुनाया भी। बापदादा विशेष याद देते हैं, सभी की। यह निमित्त है लेकिन सभी को बापदादा दिल का प्यार और अपने घर में आने की मुबारक दे रहे हैं। अच्छा।

चारों ओर के तरफ सब बच्चे देख भी रहे हैं, सुन भी रहे हैं। बापदादा को खुशी होती है कि यह साइन्स के साधन बच्चों को सुख का अनुभव करा रहे हैं इसलिए बापदादा ने बच्चों को पहले ही कहा था कि यह साइन्स आपको बहुत सहयोग देगी। तो दे रही है और, और भी आग देती रहेगी। बाबा देखते हैं कैसे सभी सम्मुख देखने की कोशिश करते हैं और उन्हों को अनुभव होता भी जाता है इसलिए साइन्स वालों को भी मुबारक हो, जो आप बच्चों को सैलवेशन मिल गई है। सब देखते भी हैं, सुनते भी हैं। मैजारिटी इसका लाभ उठा रहे हैं इसलिए बापदादा बच्चों का उमंग-उत्साह देख खुश है। सभी जहाँ भी बच्चे रहते हैं, उन सबको आज के होली की मुबारक हो, मुबारक हो और होली है, होली रहेंगे और होली दुनिया स्थापन कर रहे हैं, उसमें सभी खुश होंगे। सभी एक-एक बच्चे को दूर बैठे नजदीक अनुभव करने वालों को बहुत-बहुत यादप्यार और जो साइन्स के साधन से मुक्त होकर बैठे हैं और कुछ न कुछ तरीके अपनाते हैं उन्हों को भी बहुत बहुत यादप्यार। सब बच्चे दूर बैठे भी बाप के नजदीक हैं, देख रहे हैं और बापदादा भी देख रहे हैं इसलिए होली की मुबारक है, मुबारक है, मुबारक है।

दादियों से:- हर एक लाडला है। हर एक दिल के अधिकारी हैं, अधिकार ले रहे हैं।

(दादी जानकी ने भाकी पहनी) सभी को प्यार।

मोहिनी बहन:- अच्छा कर रही है, हिम्मत अच्छी है। जहाँ हिम्मत है वहाँ मदद है ही।

रूकमणि बहन से:- बहुत बहादुर है अच्छा किया है। उनकी पालना की रिजल्ट अच्छी है। जो हुआ सो ड्रामा। आयु भी बड़ी हो गई थी।

विद्या बहन (कानपुर) से:- बहुत हिम्मत करके आई है, अच्छा किया। हिसाब-किताब पूरा हुआ। सेवा के निमित्त बनी हुई हो। अच्छा है। ड्रामा हुआ, ड्रामा से कोई फिक्र नहीं होता, बेफिक्र।

सुन्दरलाल भाई (दिल्ली हरीनगर) से:- आदि से निमित्त बने हो। बेफिक्र रहना। थोड़ा फिक्र आता है। यहाँ आये हो चेक कराओ, हो सकता है आपरेशन नहीं भी करना पड़े।

(तीनों भाईयों ने बापदादा को गुलदस्ता दिया) बाबा ने देखा बाम्बे और दिल्ली दोनों की सेवा अच्छा रही। जो लक्ष्य था वह ठीक रहा।

(हैदराबाद में भी अच्छी सेवा हुई है) हैदराबाद वालों को मुबारक भेजना, टोली भेजना। और जो सेवाधारी बच्चा है (जस्टिस ईश्वरैया भाई) वह अच्छा है, नाम अच्छा है उनका।

(साइंस के साधन तो अच्छे हैं लेकिन विघ्न भी आते हैं) अपना राज्य तो नहीं है, यह थोड़ा बहुत तो होता है। मिलके कोई साधन बना दो। बने हैं तो जरूर आगे बढ़ेगा। सभी को उमंग उत्साह और सेवा का बढ़ाओ। छोटे छोटे सेंटर हैं, बड़े भी हैं।

(सेवा में नवीनता क्या हो) नयापन यह लाओ जो आने वाले हैं उन्हों को नजदीक लाओ, कम से कम स्टूडेंट तो बने, कभी-कभी आने वाले सम्पर्क खुद बढ़ावे। दिल होवे हम जायें, ऐसी रिजल्ट आने वालों की होनी चाहिए। अभी आये अच्छा है, अच्छा है चले जाते हैं। अभी नजदीक लाओ। कम से कम स्टूडेंट नहीं बनें लेकिन आने वाले मिलने वाले सुनने वाले तो बनें, कम से कम मुरली तो सुनें।

(परमात्मा आ गया, क्या यह टॉपिक रख सकते हैं) रख सकते हैं लेकिन कोई बात देके फिर। ऐसे नहीं बाप आ गया आ गया। किस कारण से कहते हैं। (इनर पीस, हारमनी टॉपिक रख सकते हैं) वह तो कोई भी टॉपिक रख सकते हो। फिर भी आपस में बैठो। कई टॉपिक आपस में बैठकर निकाल सकते हो।

नई बेबसाइड बनाई गई है, जिसमें इन्टरनेट पर कोई भी कोर्स कर सकते हैं:- सभी ने पास किया है तो भले चलाओ। अच्छा किया बापदादा खुश है। जो भी किया फायदा है।

(11 हजार मुरमुरे पर ओम् शान्ति लिखा हुआ है, उसकी माला बापदादा को दी)

ओम् शान्ति।